कभी भूल कर भी न कहें या सोचें ?
आपने कभी सोचा कि हम जिस काम या बात या सोच को ‘न’ करने की सोचते हैं उतना ही उस काम या बात या सोच को क्यों जाने-अनजाने करते चले जाते हैं ?
आपने कभी सोचा कि हम जिस काम या बात या सोच को ‘न’ करने की सोचते हैं उतना ही उस काम या बात या सोच को क्यों जाने-अनजाने करते चले जाते हैं ?
दोस्तों, एक बात याद रखिये कि आप शक्ति से सम्पर्क साधना चाहते हैं | आप अपने अंदर और आस-पास positivity लाना चाहते हैं | शक्ति को आप में कोई interest नहीं है |
रोजमर्रा की जिन्दगी में लगभग हम सब कुछ शरीर से बाहर करते हैं और नवरात्र में भी वही करते हैं | आइये इस नवरात्र से कुछ नया शुरू कर आगे बढ़ते हैं...
Enthusiasm/उत्साह/जोश केवल शैक्षिक विषय नहीं है यह रोजमर्रा की ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ शब्द है | अतः ऐसे विषय को व्यवहारिक तरीके से समझना और समझाना चाहिए |
व्यक्तित्व विकास या सफलता पाने के लिए आपके अंदर दृढ़ता अर्थात किसी भी काम को करने की इच्छा तीव्र हो | यह तभी होगा जब मन में भटकन लेश मात्र न हो |
आप जल्द सफलता पाना चाहते हैं जबकि आप लगातार असफल हो रहे हैं या नकारात्मक सोच रखते हैं या हर बात में नकारात्मकता दिखती है तो ये लेख पढ़ें |