प्रेम, ध्यान, डर और सम्बन्ध
मीरा और राधा का प्रेम सच्चा प्रेम था | आप उसे इकतरफा प्रेम भी कह सकते हो | उनका प्रेम यदि अमर हो सकता है तो आपको सच्चा प्रेमी क्यों नहीं मिल सकता ?????
मीरा और राधा का प्रेम सच्चा प्रेम था | आप उसे इकतरफा प्रेम भी कह सकते हो | उनका प्रेम यदि अमर हो सकता है तो आपको सच्चा प्रेमी क्यों नहीं मिल सकता ?????
आनन्द और परमानन्द में कोई ख़ास फर्क नहीं है | वह आनन्द जो लगातार बना रहे उसे परमानन्द कहते हैं | क्या आपकी जिन्दगी में ऐसा कोई आनन्द है ???
समाज में आपसी प्रेम कम होने का मुख्य कारण चारों तरफ फैला डर और घृणा का महौल है क्योंकि घृणा से घृणा और डर से डर आकर्षित होता है ............
प्रेम सोच-समझ कर नहीं किया जा सकता | प्रेम हो जाता है और वह किसी से भी हो सकता है | जरूरी नहीं कि प्रेम, प्रेमी और प्रेमिका के बीच ही हो |
अपनी असफलता का कारण किन्ही बाह्रय कारणों को मानते हैं तो भविष्य में आपकी सफलता के चांस लगभग शून्य हैं | क्योंकि कल जो कारण थे वही कल भी रहने वाले हैं |
आप भूतकाल या भविष्य से परेशान हो रहे हैं | और जो कुछ भी हो रहा है वह आपके मुताबिक नहीं हो रहा है | लेकिन आप इसमें एक काल तो भूल ही गये हैं | वर्तमान काल |